देश भर में सोमवार को क्रिसमस मनाने की तैयारी की गई है. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रविवार को देश के सभी प्रमुख शहरों में चर्चों में आकर्षक सजावट की गई.
कोलकाता के चर्च रंगीन रोशनी से नहाए हुए दिखे. दिल्ली में क्रिसमस पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. क्रिसमस और नए साल के आगमन पर पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है.
क्रिसमस से पहले रविवार को हिमाचल के पर्यटन स्थलों पर टूरिस्ट पहुंचने शुरू हो गए. पर्यटकों के ज्यादा संख्या में पहुंचने से सोलंग में करीब 4 से 5 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. इससे जाम में सैकड़ों गाड़ियां फंस गई. रात 10.30 बजे तक जाम लगा रहा.
कोलकाता की पार्क स्ट्रीट रविवार को क्रिसमस की पूर्व संध्या के जश्न से गुलजार है. क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग उमड़े, जिससे उत्सव का जोरदार माहौल नजर आया. रोशनी से नहाए चर्च विशेष सामूहिक प्रार्थना के लिए तैयार हैं. पार्क स्ट्रीट के अलावा हरीश मुखर्जी रोड सहित कोलकाता के अन्य स्थानों पर भी क्रिसमस उत्सव पर भव्य सजावट की गई है. सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च जैसे कई चर्च रंगीन रोशनी से सजे हुए हैं.
उत्तर प्रदेश के मेरठ में क्रिसमस पर शहर के सरधना कस्बे के ऐतिहासिक रोमन कैथोलिक चर्च को सजाया गया है. ऐतिहासिक चर्च को बेसिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ ग्रेस के रूप में जाना जाता है और यह वर्जिन मैरी को समर्पित है. यह चर्च उत्तर भारत में सबसे बड़ा है और पिछले दो सौ वर्षों से कला के बेजोड़ नमूने के रूप में अपनी भव्यता को बरकरार रखे हुए है. चर्च का निर्माण 14 साल की मुस्लिम लड़की बेगम समरू ने किया था, जिसने एक यूरोपीय सैनिक वाल्टर रेनहार्ड सोम्ब्रे से शादी की थी.
समरू ने 1781 में रोमन कैथोलिक धर्म अपना लिया और जोआना नोबिलिस नाम अपनाया. उन्हें भारत में एकमात्र कैथोलिक शासक माना जाता है और उन्होंने 18वीं और 19वीं शताब्दी में सरधना रियासत पर शासन किया था.
उधर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में क्रिसमस पर चर्च में उत्सव की जोरदार तैयारी है. शहर में रंग-बिरंगी रोशनी से सजावट की गई है. चर्चों में रविवार को क्रिसमस कैरोल की मधुर धुनें गूंजती रहीं. चर्चों में क्रिसमस ट्री और चमकीले फूलों की सजावट की गई है. श्रीनगर के चर्च हर वर्ष इस उत्सव में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित करते हैं.
दिल्ली के खान मार्केट में क्रिसमस पर सांता क्लाज की टोपी, ट्री, रेनडियर, मोमबत्ती सहित अन्य सजावटी सामान के स्टाल लगे हुए हैं. दुकानों को क्रिसमस के प्रतीक बाउबल्स और देवदार के पेड़ों से सजाया गया है. लोग सांता क्लाज की प्रतिकृतियां और मालाएं आदि सजावटी वस्तुएं खरीदते हुए और मौज-मस्ती करते हुए दुकानों पर घूमते दिखाई दिए.
क्रिसमस पर पर्यटकों ने परिवार और दोस्तों के साथ हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी शहरों का रुख करना शुरू कर दिया है. कई पर्यटक अपने परिवारों और दोस्तों के साथ क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए शिमला और मनाली जा रहे हैं.
मिजोरम के आइजोल में भी त्योहार से पहले सड़कों को सजाया और रोशन किया गया है.
क्रिसमस यीशु मसीह के जन्म के जश्न का एक वार्षिक त्योहार है, जिसे 25 दिसंबर को दुनिया भर में अरबों लोगों द्वारा मनाया जाता है.