प्लास्टिक प्रदूषण कम करने पर समझौता अभी दूर, तेल उत्पादक कर रहे प्रस्ताव का विरोध

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प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के लिए पहली वैश्विक संधि पर संयुक्त राष्ट्र की तीसरे दौर की बातचीत में प्लास्टिक के रीयूज, रीसाइकल और उत्पादन में कटोती का मसला छाया रहा।

बातचीत के दौरान प्रतिभागियों की ओर से 500 से अधिक प्रस्ताव आए हैं। प्लास्टिक इंडस्ट्री और तेल उत्पादकों ने प्लास्टिक का उत्पादन कम करने के प्रस्ताव का विरोध किया।

प्लास्टिक के उत्पादन में कटौती करने की जरूरत
वहीं कुछ देशों का कहना है कि सबसे पहले प्लास्टिक के उत्पादन में कटौती करने की जरूरत है। वैश्विक संधि को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत के अतिरिक्त सत्र आयोजित किए जा सकते हैं। ग्रीनपीस ने कहा है कि प्लास्टिक प्रदूषण कम करने पर समझौते को अंतिम रूप देने के लिए जरूरी है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ ज्यादा सक्रियता दिखाएं।

ग्रीनपीस के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ग्राहम फो‌र्ब्स ने कहा कि सच्चाई यह है कि आइएनसी3 अपने मुख्य लक्ष्य को हासिल करने में असफल रही है। इसका लक्ष्य संधि के लिए पहला मसौदा तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ना था। फो‌र्ब्स ने प्रस्ताव की संख्या का उल्लेख करते हुए कहा कि ये प्रगति नहीं है, ये अव्यवस्था है। वैश्विक संधि को अंतिम रूप देने के लिए अगले वर्ष बातचीत के दो और दौर आयोजित किए जाएंगे।

प्रस्ताव स्विटजरलैंड और उरुग्वे की ओर से आया
बातचीत के सत्र में सबसे लोकप्रिय प्रस्ताव स्विटजरलैंड और उरुग्वे की ओर से आया। इस प्रस्ताव में नुकसान पहुंचाने वाले पालीमर और दूसरे रसायनों पर अंकुश लगाने के लिए और विचार विमर्श की बात कही गई है। प्रस्ताव को 100 से अधिक देशों का समर्थन मिला। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 10 प्रतिशत से कम प्लास्टिक कचरा रीसाइकल किया जाता है वहीं 1.4 करोड़ टन प्लास्टिक हर साल समुद्र में जाता है।

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