विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर झापारोव से मुलाकात की और बैंकिंग, रक्षा तथा ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की.
इससे पहले किर्गिस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचने पर जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस दौरान जयशंकर किर्गिस्तान के नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर झापारोव से मुलाकात करके खुशी हुई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत शुभकामनाएं उन्हें दीं. बैंकिंग, ऊर्जा, स्वास्थ्य और फार्मा, रक्षा, कृषि और निवेश में सहयोग पर चर्चा की.” जयशंकर ने एससीओ के सदस्यों देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की सफल अध्यक्षता के लिए किर्गिस्तान को भारत का समर्थन जताया.
किर्गिस्तान एससीओ के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की बैठक की मेजबानी समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कर रहा है. जयशंकर ने किर्गिस्तान के अपने समकक्ष जीनबेक कुलुबाएव से भी मुलाकात की और कई मुद्दों पर उनसे चर्चा की. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बिश्केक में अपने पुराने मित्र विदेश मंत्री जीनबेक कुलुबाएव को देखकर अच्छा लगा. व्यापार और अर्थव्यवस्था, विकास परियोजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारत-किर्गिस्तान सहयोग को मजबूत करने के बारे में बात की. साथ ही अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया और कनेक्टिविटी पर विचारों का आदान-प्रदान किया.”
जयशंकर एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘एससीओ में सार्थक आदान-प्रदान, किर्गिस्तान नेतृत्व से मुलाकात और हमारे द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद है.” रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के भी किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ बैठक में शामिल होने की उम्मीद है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के अपने अन्य समकक्षों के साथ ही किर्गिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे. एससीओ समूह में चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. जून 2001 में शंघाई में स्थापित, एससीओ एक अंतरसरकारी संगठन है.