आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा… निज्जर मामले में जयशंकर ने कनाडा को फिर सुनाया

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दस दिवसीय दौरे पर हैं। 29 सितंबर को जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

इस दौरान जयशंकर से खालिस्तान मुद्दे के बीच सिख समुदाय की चिंताओं के बारे में पूछा गया, जिसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा पूरे समुदाय के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जो लोग आतंकवाद के बारे में बात करते हैं, वे एक छोटे अल्पसंख्यक का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मोदी सरकार ने सिख समुदाय के मुद्दों पर बहुत ध्यान दिया
जयशंकर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने सिख समुदाय के मुद्दों पर कितना ध्यान दिया है और क्या सुझाव दिए हैं, यह हर कोई जानता है।

मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि अभी जो चर्चा हो रही है, वह पूरे समुदाय (सिखों) के प्रतिनिधि मुद्दे हैं। जो लोग आतंकवाद के बारे में बात करते हैं, अलगाववादी लोग, जिनके तर्कों में हिंसा शामिल है, यह एक छोटा सा अल्पसंख्यक है। संबंधित सरकारों को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए। हमें इसे पूरे समुदाय का मामला नहीं मानना चाहिए।’

कनाडा के साथ चल रहे विवाद पर क्या बोले जयशंकर
कनाडा के साथ चल रहे विवाद पर जयशंकर ने कहा कि कनाडा के साथ चल रही समस्या देश में आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा के संबंध में सरकार की ‘अनुमोदनशीलता’ के कारण कुछ वर्षों से बनी हुई है। उन्होंने कहा कि

तथ्य यह है कि पिछले कुछ वर्षों से कनाडा और कनाडाई सरकार के साथ हमारी समस्या चल रही है और मौजूदा समस्या वास्तव में आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा के संबंध में अनुमति के इर्द-गिर्द घूमती है।

जयशकंर ने कहा कि वास्तव में, ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो स्पष्ट रूप से भारत में हिंसा और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, जिन्होंने स्वयं इसकी घोषणा की है और यह बात किसी से नहीं छुपी हुई है।

कनाडा का आरोप, भारत की प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार शामिल है। हालांकि, भारत ने दावों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताया है।

वहीं, कनाडा ने अभी तक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत भारत के सामने पेश नहीं किया है। दो देशों के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं। इसके अलावा भारत ने अपने नागरिकों और कनाडा की यात्रा करने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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