भारत में 40 C295 विमानों का उत्पादन गेम चेंजर साबित होगा, प्रोजेक्ट से देश में बनेगा एयरोस्पेस इकोसिस्टम
स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक ने कहा कि देश में 40 सी295 एयरबस विमानों का उत्पादन निर्णायक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इससे भारत में विश्वस्तरीय एयरोस्पेस इकोसिस्टम तैयार होगा, जिससे भविष्य में देश में विमानों के निर्माण के लिए यह बेहद अहम साबित होगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, दिनेश पटनायक ने प्रोजेक्ट की अहमियत बताते हुए कहा कि भारत में कोई निजी एयरोस्पेस इकोसिस्टम नहीं है, जबकि कई बड़े देशों के पास ऐसा एयरोस्पेस इकोसिस्टम मौजूद है। यह डील भारत में इस इकोसिस्टम को तैयार करेगी और यह नई व्यवस्था की शुरुआत हो सकती है।
डील के तहत 40 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम द्वारा बनाए जाएंगे। मेक इन इंडिया योजना के तहत सी295 विमानों का उत्पादन वडोदरा में किया जाएगा और सितंबर 2026 में पहला विमान मिलेगा। वहीं आखिरी विमान अगस्त 2031 तक भारतीय वायुसेना को मिलेगा।
यह पहला सैन्य विमान होगा, जिसका उत्पादन भारत में एक निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। भारतीय वायु सेना छह दशक पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी295 विमान खरीद रही है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने बीते साल वडोदरा में सी295 विमानों के उत्पादन के लिए निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया था। भारत में विमान के विभिन्न उपकरणों का उत्पादन शुरू हो गया है और इन्हें फाइनल असेंबली लाइन के लिए वडोदरा ले जाया जाएगा।
सी295 विमान की विशेषताएं
सी295 विमान का उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स के सामरिक परिवहन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल उन स्थानों पर सैन्य साजो सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है, जहां मौजूदा भारी विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।
इसका उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।