जुनैद-नासिर मर्डर और दंगों के आरोपी मोनू मानेसर को कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को दी कस्टडी

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जुनैद नासिर हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के लिए राजस्थान पुलिस को सौंप दिया है.

आज (मंगलवार) हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को हिरासत में लिया था. जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. मोनू मानेसर फ़रवरी में हुए जुनैद नासिर हत्याकांड में वांछित था. अदालत में राजस्थान पुलिस की तरफ से मोनू मानेसर की कस्टडी की मांग की गयी थी. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

कौन है मोनू मानेसर?

गौरतलब है कि मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव नूंह में एक गोरक्षक समूह का नेतृत्व करता है और गोरक्षकों के हमलों के वीडियो पोस्ट करने के लिए कुख्यात है. वह ‘लव जेहाद’ के खिलाफ अभियानों में भी सक्रिय है. आमतौर पर ‘लव जेहाद’ शब्द दक्षिणपंथियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मुस्लिम पुरुषों पर हिन्दू महिलाओं को बहकाने और उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया जाता है.

मोनू मानेसर पहली बार 2019 में सुर्खियों में आया था

मोनू मानेसर पहली बार 2019 में सुर्खियों में आया था, जब कथित गोतस्करों का पीछा करते समय उस पर गोली चलाई गई थी. वह 2015 में गाय संरक्षण कानून लागू होने के बाद हरियाणा सरकार द्वारा गठित जिला गाय संरक्षण टास्क फोर्स के सदस्य भी था. मोनू मानेसर के यूट्यूब और फेसबुक पर हज़ारों फॉलोअर हैं. अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हथियारों और कारों को दिखाते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट करता रहता था.

राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी नसीर (25) और जुनैद उर्फ जूना (35) का कथित रूप से अपहरण कर लिया गया था और उनके शव हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में मिले थे. मोनू को पूर्व में सात फरवरी को गुरुग्राम के पटौदी थाने में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में नामजद किया गया था. फरार होने के दौरान मोनू मानेसर ने एक वीडियो संदेश जारी कर ताजा मामले में खुद को बेगुनाह बताया था.

मोनू ने कहा था, ‘‘मेरे सहयोगियों और मेरी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन राजस्थान पुलिस ने मेरे और मेरे समूह के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मैं मृतकों को जानता भी नहीं हूं.” उसने कहा, ‘‘घटना के समय, मैं अपनी टीम के सदस्यों के साथ गुरुग्राम के एक होटल में था. मैं होटल के सीसीटीवी फुटेज भी साझा कर रहा हूं, जिससे पता चलेगा कि हम होटल में मौजूद थे. भरतपुर पुलिस ने हमें गलत तरीके से फंसाया है और यह मेरी टीम और मेरे संगठन को बदनाम करने की साजिश है.’

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