अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान ने उस संभावित जगह को ढूंढ लिया है जहां रूस का रोबोट लैंडर लूना-25 अनियंत्रित कक्षा में जाने के बाद चंद्रमा से टकराकर पिछले महीने क्रैश हो गया था। 47 साल बाद रूस ने लूना-25 चंद्रमा मिशन को लांच किया था।
चांद पर बना गड्ढा
इससे पहले पूर्व सोवियत संघ के दौरान 1976 में लूना-24 लांच किया गया था। अपने चंद्र टोही आर्बिटर के अवलोकनों के आधार पर नासा ने गुरुवार को कहा कि प्रतीत होता है कि लूना-25 के टकराने से चंद्र सतह पर 33 फीट (10 मीटर) चौड़ा गड्ढा बन गया।
इच्छित लैंडिंग स्थल से लगभग 400 किमी दूर रहा यान
यह गड्ढा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (Luna 25 crash site) पर अंतरिक्ष यान के इच्छित लैंडिंग स्थल से लगभग 400 किमी दूर है। नासा के अंतरिक्ष यान को पिछले साल ली गई तस्वीरों में इस स्थान पर गड्ढा होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला था। चूंकि यह गड्ढा उस जगह के करीब है जहां रूस का चंद्र लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था इसलिए माना जा रहा है कि लैंडर के टकराने से ही यह गड्ढा बना।
रूस ने जांच पैनल किया है गठित
बता दें कि लूना के दुर्घटना के बाद, मॉस्को ने इसके क्रैश होने के कारणों की जांच के लिए एक विशेष अंतर-विभागीय आयोग का गठन किया गया था।
इस बीच, रूस (Luna 25 crash site) की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 2027 के लिए लूना-26 और 2028 के लिए लूना-27, 2030 या उसके बाद लूना-28 की योजना बनाई है। रूस अब अमेरिका, भारत और चीन जैसे अन्य देशों के साथ मानवयुक्त मिशन के निर्माण का भी लक्ष्य बना रहा है।