राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में थेप्पाकाडु हाथी शिविर का दौरा किया और भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में शामिल आदिवासियों की प्रशंसा की.
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि ये आदिवासी समुदाय अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करें. राष्ट्रपति ने वहां हाथियों को गन्ना खिलाया और बाद में आदिवासी दंपति बोम्मन और बेली के साथ बातचीत की, जिन्हें ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स” में दिखाया गया था.
इस अवसर पर उन्होंने अन्य महावतों और हाथियों की देखभाल करने वालों के साथ भी बातचीत की. बेली को हाल में तमिलनाडु सरकार ने हाथियों की देखभाल के लिए नियुक्त किया था.
राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर हाथी शिविर की मुर्मू की यात्रा की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा गया कि उन्होंने महावतों और देखभाल करने वालों से बातचीत की तथा वन्यजीव संरक्षण में उनके योगदान के लिए उनकी सराहना की.
उन्होंने कहा कि हाथियों की रक्षा करना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है. ट्वीट में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि इन समुदायों को उनके संवैधानिक अधिकार दिए जाएं.”
इससे पहले, मैसूरु से मासिनागुडी हेलीपैड पहुंचीं राष्ट्रपति का तमिलनाडु के वन मंत्री एम मथिवेंदन, पर्यटन मंत्री के रामचंद्रन, जिलाधिकारी एस पी अमृत और अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया.
राष्ट्रपति के आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और बाद में उन्हें ‘मुदुमलाई टाइगर रिजर्व’ में हाथी शिविर के चारों ओर ले जाया गया, जिसमें लगभग 23 हाथियों को रखा गया है.
रविवार को, वह चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी और बाद में राजभवन में दरबार हॉल का नाम बदलकर कवि सुब्रमण्यम भारती के नाम पर ‘भरतियार मंडपम’ करेंगी.
पुडुचेरी की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति सात अगस्त को जवाहरलाल स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जेआईपीएमईआर) के लीनियर एक्सेलेरेटर का उद्घाटन करने सहित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी और अगले दिन ऑरोविले का दौरा करेंगी.