भीड़ से हुई झड़प में पुलिसकर्मी की हत्या, हथियार भी लूटे, मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा

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मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बृहस्पतिवार को मणिपुर में एक भीड़ ने पुलिस चौकियों पर हमला किया और हथियार व गोला-बारूद लूट लिये, जिसमें ऑटोमैटिक गन भी शामिल हैं.

मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में बृहस्पतिवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ (त्वरित कार्य बल) जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारियों ने भी कर्फ्यू में ढील वापस ले ली, एहतियात के तौर पर पूरे इंफाल घाटी में रात के कर्फ्यू के अलावा दिन के दौरान प्रतिबंध लगा दिया गया.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच कौट्रुक, हरओथेल और सेनजम चिरांग इलाकों में गोलीबारी हुई. गोलीबारी में एक सुरक्षाकर्मी समेत दो लोग घायल हो गए. इंफाल पश्चिम के सेनजाम चिरांग में, एक स्नाइपर द्वारा सिर में गोली मारने से एक मणिपुर पुलिस कर्मी की मौत हो गई. पास की पहाड़ी श्रृंखलाओं से कौट्रुक और सेनजम चिरांग में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद मुठभेड़ में एक ग्रामीण स्वयंसेवक भी घायल हो गया.

बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के बीच की सीमा पर फौगाकचाओ इखाई में 500-600 लोगों की एक बड़ी भीड़ एकत्र हुई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और करीब 25 लोग मामूली रूप से घायल हो गए.

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया कि पिछले 24 घंटों में पर्वतीय और घाटी दोनों क्षेत्रों में विभिन्न जिलों में 130 चौकियां स्थापित की गई हैं और पुलिस ने विभिन्न उल्लंघनों के आरोप में 347 लोगों को हिरासत में लिया है. झड़प से कुछ घंटे पहले मणिपुर की हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी समुदाय के लोगों को सामूहिक रूप से दफ़नाने की योजना तब रोक दी गई, जब राज्य के उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार सुबह चुराचांदपुर जिले में प्रस्तावित कब्रिस्तान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.

शीर्ष जनजातीय संस्था आईटीएलएफ ने भी कहा कि वह बिष्णुपुर की सीमा पर चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में उक्त स्थान पर 35 लोगों को दफनाने की योजना स्थगित कर रहा है. बिष्णुपुर जिले में सुबह से ही तनाव व्याप्त है, क्योंकि हजारों स्थानीय लोग सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. महिलाओं के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सेना और आरएएफ कर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधक को पार करने की कोशिश की और मांग की कि उन्हें कब्रिस्तान तुइबुओंग तक जाने की अनुमति दी जाए.

इंफाल पूर्व और पश्चिम के जिलाधिकारियों ने गड़बड़ी की आशंका के चलते दिन का कर्फ्यू फिर से लागू करने के अलग-अलग आदेश जारी किए. राज्य के कानून एवं विधायी कार्य मंत्री ठा. बसंतकुमार ने पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सभी संबंधित पक्षों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है.

राज्य के मंत्री ने केंद्रीय मंत्री के पत्र का हवाला देते हुए कहा, “भारत सरकार ने मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर विचार किया है और आश्वासन दिया है कि वह एक निश्चित अवधि के भीतर सात दिन में सभी पक्षों की संतुष्टि के लिए इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.”

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