पाकिस्तान में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। राहत की बात यह रही कि फिलहाल किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली।
जानकारी के मुताबिक, भूकंप के झटके सुबह पांच बजकर 11 मिनट पर महसूस किए गए। इसका केंद्र जमीन से 170 किलोमीटर नीचे था।
इससे पहले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 28 मई को एक के बाद एक दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने बताया था कि पहला झटका सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर महसूस किया गया। पाकिस्तान के कई हिस्सों में इसका असर देखने को मिला था। इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान का सीमावर्ती क्षेत्र था। इसके बाद दूसरी बार शाम को करीबन 5.57 बजे 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र अफगानिस्तान में जलालाबाद के पास था और 15 किलोमीटर की गहराई में था।
2005 में गई थी 74,000 से अधिक लोगों की जान
गौरतलब है कि पाकिस्तान में अक्सर अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते हैं। 2005 में पाकिस्तान में आए सबसे घातक भूकंप में 74,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।