बोगोटा में प्रवासी भारतीयों से बोले जयशंकर, दुनिया ‘नए भारत’ की योग्यता और क्षमता को पहचान रही

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए ‘नए भारत’ और इसके वैश्विक प्रभावों को साझा किया।

उन्होंने भारत में हो रहे परिवर्तनों तथा इसके वैश्विक प्रभावों को चर्चा की और समुदाय के सदस्यों को बताया कि कैसे दुनिया नए भारत की क्षमता व योगदान को पहचान रही है।

जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व कौशल पर भी प्रकाश डाला और विदेशों में भारतीयों के कल्याण और विश्वास के लिए उनके कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय समुदाय से मोदी सरकार के विदेशों में किए गए भारतीयों के कल्याण और भरोसे के कामों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, विदेशों में भारतीय समुदाय ने भारत की छवि को आकार दिया है। जयशंकर गुयाना व पनामा का दौरा करके 27 अप्रैल तक कोलंबिया और 27 से 29 अप्रैल तक डोमिनिकन गणराज्य की यात्रा करेंगे। विदेश मंत्री के रूप में यह इन देशों की उनकी पहली यात्रा है।

कोलंबियाई समकक्ष से मिले जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबिया के विदेश मंत्री अल्वारो लेवा डुरान से भी मुलाकात की। उन्होंने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। जयशंकर ने कहा कि विशेष रूप से स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इंडो-पैसिफिक सहित वैश्विक मुद्दों पर भी बात की। बहुपक्षवाद के मुद्दे को संबोधित किया और 2023-26 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए।

भारत साथ मिलकर करेगा ऊर्जा, खाद्य चुनौतियों का हल
इससे पहले पनामा सिटी में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा मौजूदा सबसे बड़ी दो तात्कालिक वैश्विक चुनौतियां हैं। इनका दक्षिण के अल्प विकसित देश सामना कर रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि भारत इन समस्याओं के समाधान के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने यहां चौथी भारत-एसआईसीए मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। सेंट्रल अमेरिकन इंटीग्रेशन सिस्टम (एसआईसीए) मध्य अमेरिकी देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक संगठन है।

मोटे अनाज का विस्तार होना चाहिए…जयशंकर ने कहा, भारत का मानना है कि मोटे अनाज के वैश्विक उत्पादन के पर्याप्त विस्तार में स्थायी आधार पर खाद्य सुरक्षा से निपटने की क्षमता है। जयशंकर ने कहा कि जी-20 अध्यक्षता के चलते 2023 भारत के लिए खास है। हमारा मंत्र और भावना ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है।

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