भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 (Small Sataellite Launch Vehicle) को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई। एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2 और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल हैं। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित की जाएंगी।
लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाएगा
इसरो के अनुसार, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाता है। यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लॉन्च की सुविधा देता है। 34 मीटर लंबे एसएसएलवी रॉकेट का व्यास 2 मीटर है। यह रॉकेट कुल 120 टन के भार के साथ उड़ान भर सकता है।
बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी उड़ान
इस रॉकेट की पहली उड़ान बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी। बीते साल एसएसएलवी की पहली उड़ान के दौरान रॉकेट के दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन महसूस होने के कारण लॉन्चिंग सफल नहीं हो सकी थी। साथ ही रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को गलत कक्षा में लॉन्च कर रहा था, जिसके चलते इसरो ने एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया था।
कुल वजन 175.2 किलोग्राम
एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है, जिसमें ईओस सैटेलाइट का वजन 156.3 किलोग्राम, Janus-1 का वजन 10.2 किलोग्राम और AzaadiSat-2 का वजन 8.7 किलोग्राम है। इसरो के अनुसार, एसएसएलवी रॉकेट की लागत करीब 56 करोड़ रुपए है।