इंग्लैंड ने कतर में चल रहे फुटबॉल विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है।
उसने रविवार (चार दिसंबर) को चौथे प्री-क्वार्टर फाइनल में अफ्रीकी चैंपियन सेनेगल को 3-0 से हरा दिया। इंग्लैंड के लिए मैच में कप्तान हैरी केन, उपकप्तान जॉर्डन हेंडरसन और युवा स्टार बुकायो साका ने एक-एक गोल दागे। क्वार्टर फाइनल में उसका मुकाबला गत चैंपियन फ्रांस से होगा। फ्रांस ने तीसरे प्री-क्वार्टर फाइनल में पोलैंड को 3-1 से हराया था।
इंग्लैंड की टीम विश्व कप इतिहास में 10वीं बार क्वार्टर फाइनल में पहुंची है। पिछली बार रूस में हुए विश्व कप में वह चौथे स्थान पर रहा था। इंग्लैंड इससे पहले 1954, 1962, 1966, 1970, 1986, 1990, 2002, 2006 और 2018 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था।
हेंडरसन और हैरी केन ने सेनेगल का मनोबल तोड़ा
इंग्लैंड के लिए अनुभवी जॉर्डन हेंडरसन ने पहला गोल किया। उन्होंने जूड बेलिंघम के पास पर 38वें मिनट में टीम के लिए पहला गोल किया। उनके बाद हाफटाइम से ठीक पहले कप्तान हैरी केन ने स्कोर शीट पर अपना नाम दर्ज करवा लिया। केन ने फिल फोडेन के पास पर इंजरी टाइम (45+3वें मिनट) में गोल किया। उनका इस विश्व कप में यह पहला गोल है। हैरी केन का विश्व कप इतिहास में यह कुल सातवां गोल है।
हाफटाइम के बाद साका ने किया गोल
हाफटाइम तक इंग्लिश टीम 2-0 से आगे थी। इंग्लैंड की टीम 2002 के बाद पहली बार विश्व कप के नॉकआउट मैच में हाफटाइम तक 2-0 से आगे है। तब उसने डेनमार्क के खिलाफ 2-0 की लीड ली थी। तब वह 3-0 से जीता था। सेनेगल के खिलाफ हाफटाइम के बाद इंग्लैंड ने अटैक जारी रखा। इसका फायदा उसे 57वें मिनट में मिला। इंग्लैंड के लिए मैच में तीसरा गोल बुकायो साका ने किया। इस विश्व कप में साका का यह तीसरा गोल है।
इंग्लैंड ने की 2018 की बराबरी
इंग्लैंड के लिए इस विश्व कप में 12वां गोल है। उसने गोल के मामले में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी कर ली है। इंग्लैंड ने 2018 में कुल 12 गोल किए थे।
सादियो माने की कमी खली
सेनेगल की टीम इसी साल अफ्रीकन कप जीती थी। वह टूर्नामेंट में एक मजबूत टीम के रूप में आई थी, लेकिन स्टार स्ट्राइकर सादियो माने के बाहर होने के बाद उसे बड़ा झटका लगा। उनके चोटिल होने के बावजूद सेनेगल की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और प्री-क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान पक्का किया। इंग्लैंड के खिलाफ पहले हाफ में उसने बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन दो गोल हो जाने के बाद टीम का मनोबल टूट गया। बड़े मैच में टीम को अनुभवी सादियो माने की कमी खली।