आज से घरों में विराजेंगी मां दुर्गा,जानें कलश स्थापना का मुहूर्त,पूजा विधि और व्रत के नियम

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Navratri 2022 Kalash Sthapana Muhurat, Puja :आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं।

अगले 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की विशेष पूजा-आराधना की जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हुए मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा करने का विधान होता है।

शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र

शारदीय नवरात्रि के दिन        देवी               बीज मंत्र
पहला दिन                          शैलपुत्री           ह्रीं शिवायै नम:।
दूसरा दिन                         ब्रह्मचारिणी       ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
तीसरा दिन                        चन्द्रघण्टा         ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
चौथा दिन                         कूष्मांडा            ऐं ह्री देव्यै नम:।
पांचवा दिन                      स्कंदमाता          ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
छठा दिन                        कात्यायनी          क्लीं श्री त्रिनेत्राय नम:।
सातवाँ दिन                     कालरात्रि            क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
आठवां दिन                    महागौरी              श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
नौवां दिन                       सिद्धिदात्री            ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

सुख-समृद्धि और मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नवरात्रि पर जरूर आजमाएं ये उपाय

  • नवरात्रि पर घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • प्रतिदिन घर के हर एक हिस्से में गंगाजल का छिड़काव करें, इससे घर की नकारात्मक शक्तियां खत्म होती हैं।
  • नवरात्रि पर नौ दिनों तक देवी आराधना के साथ सबसे पहले भगवान गणेश की स्तुति और वंदना करें।
  • घर के मुख्य दरवाजे के बाहर स्वास्तिक और ऊं का निशान बनाएं।
  • रोजाना देवी दुर्गा से संबंधित मंत्रों का जाप करें।
  • आर्थिक संपन्नता के लिए आप नवरात्रि के दौरान आटा गूंथ कर उसकी एक लोई बनाकर बहते जल में भी प्रभावित करें।

नवरात्रि पर अखंड ज्योति के नियम

मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्रि पर 9 दिनों तक अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने का विधान है। ऐसे में अखंड ज्योति को कभी सीधे जमीन पर न रखें। अखंड ज्योतिष को हमेशा लकड़ी की चौकी पर ही रखें।

  • अखंड ज्योति के नीचे अष्टदर बनाकर रखें।
  • अखंड ज्योति की स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गंदे या झूठे हाथ से कभी भी नहीं छूना चाहिए।
  • अखंड ज्योति को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। घर पर कोई न कोई सदस्य जरूर मौजूद होना चाहिए।
  • अखंड ज्योति को हमेशा शुद्ध देसी घी से प्रज्जवलित करना चाहिए।
  • अखंड ज्योति कभी भी बुझनी चाहिए।
  • अखंड ज्योति को शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्रो के जाप के साथ जलना चाहिए।

नवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें

नवरात्रि पर क्या करें
1-नवरात्रि पर नौ दिनों तक रखें उपवास
2-नौ दिनों तक देवी दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें
3-नवरात्रि पर हर रोज जाएं मंदिर
4-देवी मां को प्रतिदिन करें जल अर्पित
5-नवरात्रि पर अखंड ज्योति जरूर जलाएं
6- अष्टमी-नवमी तिथि पर विशेष पूजा और कन्या पूजन करें
7- ब्रह्राचर्य का पालन करें

नवरात्रि पर क्या न करें
1- नवरात्रि पर घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। घर के सदस्य अगर नौ दिनों तक व्रत नहीं रखे हुए हैं तो भी नौ दिनों तक भोजन में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2- नवरात्रि पर खाने में मांसाहार, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
3- नवरात्रि के दिनों में अगर आपने घर में कलश स्थापना किया हुआ है तो घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए।
4- नवरात्रि पर दाढ़ी,नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए।
5- नवरात्रि पर बेवजह किसी वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।

शारदीय नवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें
शारदीय नवरात्रि 2022 क्या करें क्या न करें
नवरात्रि सात्विक भोजन, साफ़ सफाई, देवी आराधना,भजन-कीर्तन, जगराता, मंत्र,देवी आरती प्याज,लहसुन,शराब,मांस-मछली का सेवन, लड़ाई, झगड़ा, कलह, कलेश, काले कपड़े और चमड़े की चीजें न पहने, दाढ़ी,बाल और नाखून न काटें

नवरात्रि पर मां दुर्गा के इन 9 स्वरूपों की होती है विशेष पूजा-आराधना

आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं। पहले दिन कलश स्थापना के साथ माता दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होती है। फिर इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां शक्ति की उपासना की जाती है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने का विधान होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है। इसमें देवी के नौ स्वरूपों पूजा की जाती है जिससे भक्तों को अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शारदीय नवरात्रि 2022

दिन             नवरात्रि दिन       तिथि  पूजा-अनुष्ठान

26 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 1  तिपदा मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
27 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 2 द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी पूजा
28 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 3 तृतीया मां चंद्रघंटा पूजा
29 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 4 चतुर्थी मां कुष्मांडा पूजा
30 सितंबर 2022 नवरात्रि दिन 5 पंचमी मां स्कंदमाता पूजा
01 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 6 षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
02 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 7 सप्तमी मां कालरात्रि पूजा
03 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 8 अष्टमी मां महागौरी दुर्गा महा अष्टमी पूजा
04 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 9 नवमी मां सिद्धिदात्री दुर्गा महा नवमी पूजा
05 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दिन 10 दशमी नवरात्रि दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी

दिन नवरात्रि दिन तिथि पूजा-अनुष्ठान
मां दुर्गा जी की आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दो नैना चन्द्रवदन नीको।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

शुंभ निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शव पटरानी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।

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