भारी बारिश में पानी-पानी हुआ बेंगलुरु, घंटों ट्रैफिक में फंसे लोग, सड़कें-रिहायशी इलाके जलमग्न

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बेंगलुरु में मूसालाधार बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया और राहत कार्यों के लिए नौकाओं तथा ट्रैक्टरों को लगाना पड़ा.

आलम ये है कि शहर में अनेक झील, तालाब और नाले लबालब भरे हैं और निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया है जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जिसके बाद लोगों ने कथित कुप्रबंधन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया.

बेंगलुरु में दो दिन से हो रही बारिश ने शहर की रफ़्तार को रोक दिया है. शहर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं हैं. कई जगह सड़कों पर भी घुटने भर पानी जमा है. जिसकी वजह से शहर की ट्रैफ़िक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई.

पहले ही ट्रैफ़िक की समस्या से जूझ रहे शहर में लोगों को अब कई कई घंटों जाम में फंसे रहना पढ़ रहा है. कल देर रात तक बेंगलुरु के कई इलाकों में लंबा ट्रैफ़िक जाम देखने को मिला.

बेंगलुरु महानगर पालिका और प्रशासन लगातार ये दावा कर रहा है कि ट्रैफ़िक व्यवस्था जल्द दुरुस्त कर ली जाएगी. लेकिन बावजूद इन दावों के लोग घंटों-घंटों ट्रैफ़िक में फंसे रहे.

अखिला नाम की एक 23 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर बिजली के खंभे के संपर्क में आने से मौत हो गई. मौसम विभाग ने आज भी बारिश की आशंका जताई है. यानी लोगों को फिलहाल राहत मिलती नज़र नहीं आ रही है.

बाढ़ग्रस्त सड़कों पर गुजरने में और अपने गंतव्यों तक पहुंचने में बेंगलुरु वासियों को बहुत मशक्कत करनी पड़ी. हवाई अड्डा भी जलभराव से अछूता नहीं रहा. अनेक लोगों ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की.

सरजापुर रोड पर रैंबो ड्राइव लेआउट और सनी ब्रूक्स लेआउट समेत कुछ इलाकों में जलभराव की ऐसी स्थिति है कि सुबह के समय छात्रों और दफ्तर जाने वालों को निकालने के लिए नौकाओं तथा ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करना पड़ा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि राज्य सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए 300 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है. अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए अतिरिक्त ₹300 निर्धारित किए गए हैं.

शहर के प्रमुख इलाकों में जलभराव के कारण स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है. कई लोगों को जलभराव वाली सड़कों के माध्यम से अपना रास्ता बनाने के लिए ट्रैक्टरों का उपयोग करते देखा गया.

कई इलाकों में बिजली कटौती की खबर है. मांड्या में एक पंपहाउस में पानी भर जाने से कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पंपहाउस की सफाई की जा रही है. बिना बोरवेल वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी.

मुख्यमंत्री के मुताबिक बाढ़ से 430 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 2,188 अन्य को आंशिक नुकसान हुआ है. करीब 225 किलोमीटर लंबी सड़कें, पुल, पुलिया और बिजली के खंभे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

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