मंकीपॉक्स का जानें इतिहास, क्यों समलैंगिक पुरूष बन रहे इसके शिकार

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दुनिया भर में धीरे धीरे मंकीपॉक्स संक्रमण बढ़ रहा है और साथ ही इसके टीके के लिए भी अफरा-तफरी देखने को मिल रही है.

यह बिमारी पहली बार 1970 के दशक में अफ्रीका में दिखाई दी थी और धीरे धीरे अब यह बीमारी फैल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को ऐलान किया कि यह बिमारी वाकई में रफ्तार पकड़ रही है और इसे बतौर Global Health Emergency (वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल) घोषित कर दिया. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से एक गंभीर चेतावनी है. फिलहाल इस बिमारी ने 72 देशों में लगभग 16,000 लोगों को अपने गिरफ्त में ले लिया है.

इसे मंकीपॉक्स इसलिए कहा गया है क्योंकि यह पहली बार एक बंदर में मिला था. मंकीपाक्स घातक चेचक वायरस से संबंधित है जिसे 1980 में समाप्त कर दिया गया था. मौजूदा समय में जो स्ट्रेन अफ्रिका के बाहर फैल रहा है वो दो ज्ञात वैरिएंट का हल्का रूप है.

1970: इंसानों में पहला मामला

मानव मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में ज़ैरे (Zaire) (अब कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य) में नौ साल के लड़के में हुई थी. यह मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में स्थानिक बिमारी (Endemic) के रूप में ही जाना जा रहा था. उन इलाकों में 11 देश मंकीपॉक्स मामलों की रिपोर्ट करते हैं. वायरस संक्रमित जानवरों जैसे Rodents (ज्यादातर चूहा, गिलहरी आदि कतरने वाले जानवर) या मनुष्यों के निकट संपर्क में आने पर फैलता है.

2003: अफ्रीका के बाहर पहला मामला

जून 2003 में इस रोग को पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में देखा गया. यह पहली बार था जब इसने अपनी मौजूदगी अफ्रीका के बाहर दर्ज की थी. ऐसा माना जाता है कि घाना से अमेरिका में आयात किए गए Rodents(कृन्तकों) ने प्रैरी कुत्तों को संक्रमित किया जिसके बाद यह बिमारी फैल गई. उस साल US Centers for Disease Control and Prevention (CDC) यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अमेरिका में 87 मामलों की पहचान की थी लेकिन इससे किसी तरह की मौत नहीं हुई थी.

2017: नाइजीरिया में महामारी

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2017 में 200 से अधिक मामले नाइजीरिया में पाए गए थे. इतना ही नहीं लगभग तीन प्रतिशत की मृत्यु दर के साथ नाइजीरिया में इस बिमारी का एक भयंकर विस्तार देखने को मिला था. अगले पांच वर्षों में, दुनिया भर में नाइजीरिया से आने वाले यात्रियों की वजह से छिटपुट मामले सामने आए. और ये मामले खास तौर पर ब्रिटेन, इज़राइल, सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका में देखे गए थे.

मई 2022: अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स का विस्तार

मई 2022 में अफ्रीका से बाहर के देशों में मंकीपॉक्स मामलों की झड़ी लग गई. और ज्यादातर प्रभावित लोगों का अफ्रिकी देशों के साथ कोई ट्रैवेल लिंक (travel links) भी नहीं था. लेकिन एक खास बात ये थी कि मंकीपॉक्स से प्रभावित ज्यादातर समलैंगिक पुरुष हैं.

यूरोप इस नए आउटब्रेक का केन्द्र है. 20 मई तक ब्रिटेन में 20 मामले दर्ज किए गए जिनमें ज्यादातर समलैंगिक पुरुष थे. इतना ही नहीं, 20 मई को WHO ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन सहित दुनिया भर में 80 पुष्ट मामलों की पहचान करता है.

मई के आखिरी सप्ताह मेः टीकाकरण शुरू

23 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वो चेचक के टीके लगाने की तैयारी कर रहा है जो मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रभावी हैं. साथ ही उन लोगों की भी रक्षा करेगा जो मंकीपॉक्स के रोगियों के निकट संपर्क में रहे हैं. 26 मई को यूरोपीय संघ (European Union) का कहना है कि वह टीकों की खरीद को केंद्रीकृत करने पर काम कर रहा है. ऐसा ही कुछ उसने कोविड -19 के लिए किया था.

जून: मंकीप़क्स के 1,000 से अधिक मामले

जून की शुरुआत में WHO के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) का कहना है कि डब्ल्यूएचओ को 29 देशों से मंकीपॉक्स के 1,000 से अधिक पुष्ट मामलों की जानकारी मिली है. और ये उन देशों से मिली है जहां वायरस आमतौर पर मौजूद नहीं है. 21 जून को, ब्रिटेन ने कई यौन साझेदारों वाले समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों को टीके लगाने की योजना की घोषणा की.

WHO विशेषज्ञ 23 जून को इस बिमारी पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं लेकिन यह तय करते हैं कि मंकीपॉक्स फिलहाल वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (Global Public Health Emergency) नहीं है.

जुलाई: 70 देसों से मंकीपॉक्स के 14,000 मामले

8 जुलाई को, फ्रांस में स्वास्थ्य अधिकारियों ने समलैंगिक पुरुषों, ट्रांस लोगों और यौनकर्मियों सहित जोखिम वाले लोगों के लिए प्री-इम्पेक्टिव जैब्स लॉन्च किए.

14 जुलाई को, यूएस सीडीसी कुछ 60 देशों में 11,000 से अधिक पुष्ट मामलों की रिपोर्ट करता है जहां आमतौर पर मंकीपॉक्स नहीं पाया जाता है. ज्यादातर मामले यूरोप, अमेरिका और कनाडा में हैं.

न्यूयॉर्क में संक्रमणों की संख्या एक सप्ताह से भी कम समय में दोगुनी होकर कई सौ हो जाती है. टीकों की सप्लाई काफी कम है नतीजतन लोग टीकों के लिए लाइन में खड़े रहते हैं.

20 जुलाई को टेड्रोस ने घोषणा की कि इस वर्ष डब्ल्यूएचओ को 70 से अधिक देशों से लगभग 14,000 पुष्ट मामलों की सूचना मिली है. साथ ही पूरे अफ्रिका में पांच मौत भी दर्ज किए गए.

उनका कहना है कि पिछले सप्ताह छह देशों ने अपने यहां पहले मामलों की सूचना दी. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देशों में इसके डायग्नोसिस और टीकों की उचित व्यवस्था न होने की वजह से इस बिमारी को ट्रैक करने और रोकने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

WHO ने 21 जुलाई को एक बार फिर विशेषज्ञों के साथ एक बैठक बुलाई ताकि यह फैसला लिया जा सके कि इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (global health emergency) घोषित किया जाए या नहीं.

शनिवार यानि 23 जुलाई को टेड्रोस ने मंकीपॉक्स के प्रकोप को “अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल”(“public health emergency of international concern”.) घोषित किया.

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