श्रीलंका : पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अदालत ने देश छोड़ने से रोका, छोटे भाई पर भी हुई सख़्ती

श्रीलंका अपनी आजादी के बाद सबसे बुरा आर्थिक संकट झेल रहा है. श्रीलंका में गोटाबाया राजपक्षे राष्ट्रपति पद पर रहते हुए जनाक्रोश से बचने के लिए देश से भाग गए थे.

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श्रीलंका (Sri Lanka) में गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए देश छोड़ कर भाग जाने के बाद अब अदालत हरकत में आई है.

अदालत ने आदेश जारी कर कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Ex PM Mahinda Rajapaksa) और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे (Ex Finance Minister Basil Rajapaksa) देश छोड़ कर नहीं जा सकते.

बेसिल राजपक्षे ने महिंदा राजपक्षे की तरह से एयरपोर्ट से देश से बाहर भागने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें यात्रियों के हंगामे के कारण एयरपोर्ट से बाहर जाना पड़ा था. पिछले कुछ समय से यह भी सवाल उठ रहे हैं कि महिंदा राजपक्षे कहां हैं. उनकी लोकेशन के बारे में पिछले कुछ दिनों में कोई जानकारी बाहर नहीं आई है.

अदालत का यह आदेश ऐसे दिन आया है जिस दिन गोटाबाया राजपक्षे के श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की औपचारिक घोषणा की गई.

श्रीलंका के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने पत्रकारों को बताया था कि राजपक्षे ने उन्हें सिंगापुर (Singapore) से जानकारी दी थी कि वो इस्तीफा दे रहे हैं. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramsinghe) ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है.

राजपक्षे का इस्तीफी कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद आया. आलोचकों का कहना था कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन किया. इस कारण श्रीलंका के 22 मिलियन लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

श्रीलंका में 1978 से राष्ट्रपति पास अधिक शक्तियां होने का सिस्टम अपनाए जाने के बाद गोटाबाया पहले राष्ट्रपति हैं जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा है.

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राजपक्षे देश में निजी यात्रा पर आए हैं और उन्होंने अभी तक ना तो शरण मांगी है और ना ही उन्हें शरण दी गई है.

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