Cryptocurrency पर RBI ने फिर उठाई बैन की मांग, डिप्टी गवर्नर बोले- ‘यही भारत के लिए सबसे उचित विकल्प’

0 160

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर (RBI Deputy Governor) ने सोमवार को क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी (Cryptocurrency Ban) लगाने की वकालत करते हुए कहा कि यह पोंजी योजनाओं से भी बुरा है .

और इससे देश की वित्तीय संप्रुभता को खतरा है. शंकर ने कहा कि क्रिप्टो-प्रौद्योगिकी सरकारी नियंत्रण से बचने के दर्शन पर आधारित है, उसे विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली को दरकिनार करने के लिये विकसित किया गया है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मुद्रा प्रणाली, मौद्रिक प्राधिकरण, बैंक प्रणाली और सामान्य तौर पर सरकार की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने की क्षमता को नष्ट कर सकती है.

शंकर ने भारतीय बैंक संघ के 17वें वार्षिक बैंक प्रौद्योगिकी सम्मेलन और पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘इन सभी कारकों को देखते यह निष्कर्ष निकलता है कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है.’

‘क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य भारत में तय नहीं’

बता दें कि अभी पिछले हफ्ते वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर टिप्पणी की थी. शनिवार को उन्होंने कहा था कि देश में चल रही निजी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है और भविष्य में इसकी वैधानिक स्थिति के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता. कराड ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा था, ‘भारत में (निजी) क्रिप्टोकरेंसी को रिजर्व बैंक या सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं दी गई है. क्रिप्टोकरेंसी देश में फिलहाल वैध नहीं है.’

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वह अभी नहीं बता सकते कि भविष्य में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.

कराड ने कहा,‘ऐसी खबरें हैं कि कुछ लोगों ने (निजी) क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. लिहाजा क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव हाल ही में पेश आम बजट में किया गया है.’

Leave A Reply

Your email address will not be published.