रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिले राजनाथ सिंह, बोले- भारत और रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची

0 22

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके भारत और रूस के बीच सबसे ऊंचे पर्वत से भी बुलंद दोस्ती का दम भरा।

साथ ही इस द्विपक्षीय साझेदारी के संयुक्त प्रयासों से अद्भुत परिणाम मिलने का रास्ता खुलने का विश्वास जताया। इसके साथ ही भारत के रक्षा मंत्री ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोसोव से रक्षा मुद्दों पर व्यापक बातचीत के दौरान सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘एस-400 ट्रंफ’ की बाकी दो यूनिटों की आपूर्ति भारत को जल्द करने का दबाव डाला।

राजनाथ सिंह ने कहा- भारत हमेशा से अपने रूसी मित्र के साथ खड़ा रहा है
रक्षा मंत्रालय के अनुसार राजनाथ सिंह ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत और रूस के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची है और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। रक्षा मंत्री ने पुतिन से कहा कि भारत हमेशा से अपने रूसी मित्र के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में साथ देना जारी रखेगा। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाएं भी राष्ट्रपति पुतिन को दीं।

रक्षा मंत्रालय के जारी बयान के अनुसार राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी में असीम संभावाएं जताईं और कहा कि संयुक्त प्रयासों से उत्कृष्ट लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। इससे पहले, राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोसोव से मुलाकात के दौरान विभिन्न मिलेट्री हार्डवेयर के निर्माण की भारत में असीम संभावनाओं की जानकारी दी।

इस डील को लेकर भारत ने रूस पर डाला दबाव
रक्षा सूत्रों के अनुसार सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 की दो शेष यूनिटों की आपूर्ति को लेकर रूस पर खासा दबाव डाला है। रूस की यूक्रेन से लड़ाई के चलते भारत को की जाने वाली इन दो यूनिटों की आपूर्ति में देरी हुई है। उन्होंने भारत में मिसाइल प्रणाली की देखरेख और संबंधित सेवाओं को देने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने ही इस दिशा में बहुत सक्रियता दिखाई है और विशेष रणनीतिक साझेदारी की दिशा में जिम्मेदारियों का निर्वाह किया है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार और औद्योगिक साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताई है। रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘टोंब आफ द अननोन सोल्जर्स’ नामक एक रूसी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए सोवियत सैनिकों की याद में बनवाया गया है।

रूस से कारोबार करने वाली कंपनियों का ब्योरा सौंपा
यूरोपीय संघ ने भारत को इस बात का ब्योरा सौंपा है कि पश्चिमी प्रतिबंधों को उल्लंघन करते हुए कुछ भारतीय कंपनियां रूस को संभावित सैन्य इस्तेमाल वाली अत्याधिक जरूरी चीजों की आपूर्ति में संलग्न रही हैं। यूरोपीय संघ प्रतिबंध दूत डेविड ओ सुलिवन ने कहा कि वह रूस को बेहद जरूरी चीजों की आपूर्ति के अवैध काम को रोकने के सही समाधानों पर चर्चा करने अक्टूबर में भारत आए थे।

उन्होंने भारत को मास्को पर जी7 और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर रूस को भेजे जा रहे सामान की आपूर्ति करने वाली कंपनियों की कुछ जानकारी भी सौंपी थी। भारतीय कंपनियों द्वारा किए जा रहे प्रतिबंधों के उल्लंन की जानकारी तब सामने आई थी जब वा¨शगटन ने भारत की 19 निजी कंपनियों पर रूस को दोहरे इस्तेमाल वाली तकनीकी उपलब्ध कराने में कथित भूमिका के लिए प्रतिबंध लगाया था।

ऐसा माना जाता है कि भारत ने इस मामले में यूरोपीय संघ से और जानकारी मांगी थी। हालांकि, इस मामले में भारत सरकार की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है। भारत का कहना रहा है कि नीतिगत तौर पर देश एकतरफा प्रतिबंधों को नहीं मानता और केवल संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को मानता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.