अयोध्या राम मंदिर में बनेंगे 13 और नए मंदिर, मां सीता से लेकर हनुमान तक कई देवता होंगे विराजमान

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22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हो गया. आम लोगों के लिए रामलला के दर्शन आज से शुरू हो चुके हैं. भक्तगण भारी संख्या में नए राम मंदिर के दर्शन करने आ रहे हैं.

हालांकि, नए राम मंदिर में अभी कई और काम बाकी हैं. जानकारी के मुताबिक, दूसरा तल बनना अभी बाकी है. शिखर का काम और जो मूर्तियां लग चुकी हैं उनका भी फिनिशिंग और पॉलिशिंग कुछ मात्रा में होनी हैं. दूसरे तल पर राम परिवार (Shri Ram Parivar) की स्थापना होनी बाकी है. जानकारी के मुताबिक, दूसरे तल पर राम-सीता विराजमान होंगे. उनके साथ भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्ति लगनी है.

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हो गया. आम लोगों के लिए रामलला के दर्शन आज से शुरू हो चुके हैं. भक्तगण भारी संख्या में नए राम मंदिर के दर्शन करने आ रहे हैं. हालांकि, नए राम मंदिर में अभी कई और काम बाकी हैं. जानकारी के मुताबिक, दूसरा तल बनना अभी बाकी है. शिखर का काम और जो मूर्तियां लग चुकी हैं उनका भी फिनिशिंग और पॉलिशिंग कुछ मात्रा में होनी हैं. दूसरे तल पर राम परिवार (Shri Ram Parivar) की स्थापना होनी बाकी है. जानकारी के मुताबिक, दूसरे तल पर राम-सीता विराजमान होंगे. उनके साथ भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्ति लगनी है.

ट्र्स्ट के पास अभी 3000 करोड़

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज ने एनडीटीवी को बताया कि लगभग 1100 करोड़ रुपए अब तक खर्च हो चुके हैं. हमारा अनुमान है कि 1400 करोड़ रुपये पूरे मंदिर निर्माण पर खर्च होंगे. उन्होंने जानकारी दी कि हम लोगों के पास करीब 3000 करोड़ रुपए अभी बचे हैं.

अभी तक विदेशों से किसी तरह का दान प्राप्त नहीं हुआ

उन्होंने बताया कि अभी भी देश भर से दान मिल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने बताया कि अभी तक विदेशों से किसी तरह का दान प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि FCRA की सुविधा नहीं होने के कारण विदेशों से दान नहीं लिया जा सका है. उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि अगले 2-3 महीनों में विदेशों से भी दान आने लगेंगे.

नए राम मंदिर में IIT का बड़ा हाथ

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने एनडीटीवी को बताया कि IIT रुड़की, IIT गुवाहाटी, IIT सूरत, IIT मुंबई, IIT कानपुर और IIT के विशेषज्ञों की सलाह और मार्गदर्शन मिला है. उन्होंने कहा कि हमेशा इन संस्थानों के विशेषज्ञों ने सहायता की है. अब मंदिर की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि इनके मार्गदर्शन के बिना हम यह काम पूरा नहीं कर पाते.

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