हमने पहलवानों से समर्थन वापस नहीं लिया : राकेश टिकैत

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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि उन्होंने पहलवानों से अपना समर्थन वापस नहीं लिया है.

और उन्होंने केवल पहलवानों के अनुरोध पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नौ जून के प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है. कहा जा रहा है कि चूंकि किसान नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी बैठक के बारे में उन्हें अंधेरे में रखने के लिए पहलवानों से नाखुश हैं, इसलिए उन्होंने पहलवानों से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है.

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने अपनी मांगों से अवगत कराने के लिए शनिवार रात शाह से मुलाकात की थी. किसान नेता ने हालांकि स्पष्ट किया कि वे अब भी पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं. राकेश टिकैत ने पीटीआई को बताया, “दिल्ली में हमारा 9 जून का प्रदर्शन फिलहाल स्थगित है, हम सरकारी अधिकारियों और प्रदर्शनकारी पहलवानों के बीच बैठक के नतीजे का इंतजार करेंगे. हम (किसान संघ) पहलवानों के समर्थन में हैं और उनका समर्थन जारी रखेंगे.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पहलवानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अगली बैठक के बारे में पता है, उन्होंने जवाब दिया, “मुझे नहीं पता कि अगली बैठक कब होनी है या यह होगी भी या नहीं.” जबकि सरकार ने कथित तौर पर शनिवार की बैठक के दौरान उनकी अधिकांश मांगों को स्वीकार करने की इच्छा दिखाई थी, लेकिन वह डब्ल्यूएफआई प्रमुख सिंह की तत्काल गिरफ्तारी के लिए सहमत नहीं थे, जिन पर पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है.

हालांकि पहलवान बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की अपनी मांग पर अड़े रहे और बैठक बेनतीजा रही. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पहलवानों और गृह मंत्री के बीच बैठक के बारे में अंधेरे में रखा गया था. इस पर टिकैत ने कहा, “हमें हाल की बैठक के बारे में पता था और हम पहलवानों के साथ संपर्क में थे. हमें किसी भी बड़े विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कहा गया है.” ” टिकैत ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित महापंचायत के दौरान भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली ‘धरने की घोषणा की थी.

उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वे आंदोलन तेज कर देंगे और विरोध करने वाले पहलवानों को वापस दिल्ली के जंतर-मंतर ले आएंगे. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगियों और उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के तहत उत्तर प्रदेश के गोंडा में उनके आवास पर काम करने वालों के बयान दर्ज किए. अधिकारियों ने यह भी कहा कि लड़की, जिसका बयान POCSO अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था, उसका बयान अब दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 164 के तहत दर्ज किया है.

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